Wednesday 25 June 2014

“कुछ करके दिखायो” ……..”कुछ करके दिखायो” , ये जीवन मिला है……..इसमें नए सपने सजायो ।



कुछ करके दिखायो” ……..”कुछ करके दिखायो” ,
ये जीवन मिला है……..इसमें नए सपने सजायो

हम आए हैं यहाँ …… अपनी मर्ज़ी से ,
फिर कैसे चले जाएँ ……..खुद की खुदगर्जी से ?

बहुत कुछ है देने को ……इस समाज को ,
बहुत कुछ है लेने को ……इस समाज से

इस मनुष्य योनि में ……अपनी पहचान बनायो ,
जो भी मिला है …..उसे औरों के संग बाँटते जायो

पैदा होने पर ……माँ-बाप सोचा करते हैं ,
हाँ यही करेगा ……..हमारा नाम रोशन

पीड़ी दर पीड़ी चलेगी …..ये कहानी ,
कि करके दिखायो तुम भी …….अपने खून को गरम

रोज़ कहते हैं सभी ………कि दम है तो सामने आयो ,
ताकत से नहीं ……अपने दिमाग से …..कुछ खेल जाओ

आज जो मेहनत करेगा ………वो कल मीठा फल चखेगा ,
जो लड़खड़ा गया पहले कदम पर …….वो उम्र भर फिर चल सकेगा

हर पल-पल में छिपी है ……एक ज्ञान की लम्बी दास्तां ,
उस दास्तां में डूबते जाओ ……..और तय करो अपना रास्ता

बहुत से विद्यार्थी हार जाते हैं …..चलकर कुछ कदम ,
टूट जाते हैं वो अक्सर ……कहते हैं हममे नहीं है दम

हौसले अपने हो बुलंद …..तो हार में भी जीत है ,
ज़ज्बा है कुछ करने का ……तो हर घड़ी में प्रीत है

रोज़ इन शब्दों को सुनकर …..मन अब भरने सा लगा है ,
कुछ करके दिखायोऐसे कटाक्षों से …….ये जिस्म भी अब डरने लगा है

इल्तजा इतनी है समाज से ……..कि हमें भी सोचने का ….एक मौक़ा तो दो ,
हाँ दिखाएँगे करके हम भी कुछ …..थोडा सब्र करना तुम भी सीख लो

करके हम भी दिखाएँगे …..इस युग में चमत्कार ,
मत कहोकुछ करके दिखायो “…….नहीं हैं हम इतने भी बेकार

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